Saturday, October 25, 2008

गिली पर गरम क्रिकेट बिरादरी

सचिन तेंदुलकर पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी एडम गिलक्रिस्ट की टिप्पणी को लेकर मामला गरम हो गया है.
एक ओर जहाँ भारत की क्रिकेट बिरादरी सचिन के समर्थन में खुल कर आ गई है, वहीं ख़बर है कि गिलक्रिस्ट ने ख़ुद सचिन को फ़ोन करके मामले पर अपना पक्ष रखा है.
दरअसल गिलक्रिस्ट की आने वाली आत्मकथा ट्रू कलर्स में इस साल के शुरू में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच विवादित सिडनी टेस्ट का जिक्र है और उसमें सचिन तेंदुलकर की भूमिका पर सवाल उठाया गया है.
गिलक्रिस्ट की आत्मकथा अगले सप्ताह बाज़ार में आने वाली है. सचिन तेंदुलकर की भूमिका पर सवाल उठाए जाने पर भारतीय क्रिकेट बिरादरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कई लोगों ने इसे किताब बेचने की सस्ती कोशिश बताया है.
दूसरी ओर एक भारतीय समाचार चैनल के साथ बातचीत में सचिन ने कहा कि गिलक्रिस्ट ने उन्हें फ़ोन किया और अपना पक्ष रखने की कोशिश की.
सचिन के मुताबिक़ गिलक्रिस्ट ने उन्हें बताया कि उनकी बातों को अलग तरह से पेश किया गया है. इससे आगे सचिन ने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में किताब लिखने के लिए काफ़ी पैसे मिलते हैं. इसलिए उसे बेचने के लिए ऐसी सनसनीख़ेज़ बातें लिखनी होती है. ये बाज़ार वाली रणनीति है

दिलीप वेंगसरकर
गिलक्रिस्ट की आने वाली आत्मकथा के अंश कई जगह प्रकाशित हुए हैं. गिलक्रिस्ट ने इस किताब में यह भी कहा है कि हारने के बाद सचिन हाथ मिलाने से भी कतराते हैं.
साथ ही उन्होंने इस साल के शुरू में विवादित सिडनी टेस्ट के दौरान उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं.
गिलक्रिस्ट की आत्मकथा के प्रकाशित कुछ अंशों में भज्जी-साइमंड्स विवाद का भी जिक्र है. गिलक्रिस्ट ने इसमें लिखा है कि सचिन तेंदुलकर ने पहली सुनवाई के दौरान ये कहा कि उन्होंने यह नहीं सुना था कि भज्जी ने साइमंड्स को क्या कहा लेकिन दूसरी बार वे इससे पलट गए.
दूसरी बार सचिन तेंदुलकर ने यह कहा कि उन्होंने भज्जी को हिंदी में कुछ कहा था जो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को 'मंकी' जैसा लगा. सिडनी टेस्ट के दौरान विवाद इतना बढ़ गया था कि एक बार लगा कि भारतीय टीम अपना दौरा रद्द कर देगी.
नाराज़गी
गिलक्रिस्ट की आत्मकथा के इस अंश से भारतीय क्रिकेट जगत में काफ़ी नाराज़गी है. पूर्व प्रमुख चयनकर्ता दिलीप वेंगसरकर ने इसे अपनी किताब बेचने की कोशिश बताया है.
भज्जी की सुनवाई के दौरान सचिन भी मौजूद थे
एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गिलक्रिस्ट ने ऐसी बात कही है. उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में किताब लिखने के लिए काफ़ी पैसे मिलते हैं. इसलिए उसे बेचने के लिए ऐसी सनसनीख़ेज़ बातें लिखनी होती है. ये बाज़ार वाली रणनीति है."
दूसरी ओर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने गिलक्रिस्ट की टिप्पणी को आपत्ति जताई है. बीसीसीआई की मीडिया कमेटी के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा, "सचिन तेंदुलकर के बारे में ऐसी टिप्पणी करते समय गिलक्रिस्ट को दो बार सोचना चाहिए था. सचिन न सिर्फ़ महान खिलाड़ी हैं बल्कि क्रिकेट की दुनिया में उनका बहुत सम्मान भी है."
उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद किसी व्यक्ति के प्रति सम्मान अगर कम होगा, तो वो होंगे एडम गिलक्रिस्ट. इस मामले में भारतीय खिलाड़ियों का पक्ष रखने वाले वकील वीआर मनोहर ने भी सचिन तेंदुलकर का बचाव किया है.
वीआर मनोहर मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर के पिता है. वीआर मनोहर ने कहा कि उस घटनाक्रम में मैथ्यू हेडन और माइकल क्लार्क इतनी दूर थे कि उन्होंने कुछ नहीं सुना होगा लेकिन वे एक ग़लत आरोप का समर्थन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सारे मामले में सचिन तेंदुलकर हरभजन सिंह के सबसे क़रीब खड़े थे.
बोर्ड के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने भी गिलक्रिस्ट की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि गिलक्रिस्ट अपनी किताब से सनसनी फैलाना चाहते हैं.
भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे में टीम के मीडिया मैनेजर रहे एमवी श्रीधर ने भी गिलक्रिस्ट को आड़े हाथों लिया है और कहा है कि किताब बेचने के लिए ऐसा किया जा रहा है.

तस्वीरों में- फ़िल्म कर्ज़ की


तस्वीरों में- फ़िल्म कर्ज़ की तस्वीरें




साध्वी सहित तीन पुलिस हिरासत में

साध्वी सहित तीन
साध्वी सहित तीन पुलिस हिरासत में

मालेगांव में हुए विस्फोट में पाँच लोगों की मौत हो गई थी
मालेगाँव में पिछले महीने हुए बम विस्फोट के सिलसिले में गिरफ़्तार की गईं एक साध्वी समेत तीन लोगों को नासिक की अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
महाराष्ट्र पुलिस ने एक साध्वी सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया जिनके बारे में पुलिस का कहना है कि इनका ताल्लुक मालेगांव में हुए बम विस्फोट से हो सकता है.
गिरफ़्तार किए गए लोगों पर हत्या और सदभाव बिगाड़ने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अलावा श्यामलाल साहू और शिवनारायण सिंह को शुक्रवार को नासिक की अदालत में पेश किया जहाँ इन्हें तीन नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
मध्यप्रदेश के इंदौर में बस चुकी इस साध्वी की गिरफ़्तारी मुंबई पुलिस की आतंकवाद निरोधक शाखा ने गुजरात के सूरत शहर से की.
श्यामलाल साहू और शिवनारायण सिंह इंदौर से गिरफ़्तार किए गए हैं. ये गिरफ़्तारियाँ पिछले कुछ दिनों के दौरान हुई हैं.
मुंबई पुलिस की आतंकवाद निरोधक शाखा के प्रमुख हेमंत कड़करे ने बताया कि जिस मोटरसाइकिल का मालेगाँव में धमाके के लिए इस्तेमाल किया गया था वो साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर है. उन्होंने यह भी बताया कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन फ़र्ज़ी है और इसकी चेचिस, इंजन से नंबर मिटाने की कोशिश भी की गई है.
शक की सुई
बताया जा रहा है कि हिरासत में ली गईं साध्वी का कथित रूप से कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों से ताल्लुक है. इनमें हिंदु जागरण मंच नाम के एक हिंदुत्ववादी संगठन का भी नाम लिया जा रहा है.
मालेगांव में पहले भी एक मस्जिद में धमाका हुआ था
हालांकि देश के कई प्रमुख हिंदुत्ववादी संगठनों ने हिरासत में लिए गए इन लोगों को संगठन से जुड़ा मानने से इनकार किया है.
विद्यार्थी परिषद के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस मामले के सामने आने के बाद यह तो स्वीकार किया है कि साध्वी प्रज्ञा का ताल्लुक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से था पर उन्होंने यह भी कहा कि अब संगठन से उनका कोई वास्ता नहीं है.
गौरतलब है कि 29 सितंबर को महाराष्ट्र के मालेगाँव में हुए धमाकों पाँच लोगों की मौत हो गई थी.
पुलिस ने प्रारंभिक जाँच के बाद पाया था कि इन धमाकों में आरडीएक्स जैसे विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था.
पुलिस ने इस मामले में मौके से बरामद मोटरसाइकिल और कुछ अन्य जानकारियों के आधार पर इन लोगों का पता लगाया है और इन्हें हिरासत में लिया है.
इसी दिन गुजरात के साबरकांठा ज़िले के मोडासा कस्बे में भी बम धमाका हुआ था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. पुलिस हिरासत में

Tuesday, October 7, 2008

बिहार लाईव: गांगुली जरूर लगाएंगे शतक: शाहरूख

बिहार लाईव: गांगुली जरूर लगाएंगे शतक: शाहरूख

गांगुली जरूर लगाएंगे शतक: शाहरूख

ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ खेले जाने वाले टेस्‍ट व एकदिवसीय मैचों के लिए भारतीय टीम में चुने गए पूर्व भारतीय कप्‍तान सौरव गांगुली को उनके चयन के लिए बधाई देने पहुंचे फिल्‍म अभिनेता शाहरूख खान ने विश्‍वास जताया कि वे पहले ही टेस्‍ट मैच में शतक लगाएंगे. गांगुली से भेंट करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में शाहरूख ने कहा कि भारतीय टीम में उनके चयन से मुझे बेहद खुशी हुई है. मैं कामना करता हूं कि वे पहले ही टेस्‍ट में शतक लगाएं. उन्‍होंने कहा कि कोलकाता नाइट राइडर्स का कोई भी खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शत करता है तो हमें खुशी होती है. गौरतलब है कि शाहरूख इंडियन प्रीतियर लीग की कोलकाता नाइट राइर्डस टीम के मालिक हैं.

छॊर दी सारी दूनिया बस तुम्हारॆ लियॆ.........


टीवी चैनल पर मैं भी

सौरभ गांगुली के प्रेस कॉन्फ़्रेंस को देख रहा था.
कमर्शियल ब्रेक हुआ और इस बीच दिल्ली से मेरे सहयोगी सुशील झा ने मुझे बताया कि दादा ने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है. Good By Shehjadaa
सहसा यक़ीन नहीं हुआ. तभी एकाएक अख़बारों के इंटरनेट संस्करण और टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग ख़बरें आने लगीं. गांगुली ने रिटायर होने की घोषणा कर दी.
टीवी चैनल पर नज़रें टिकाए मैं गांगुली के बयान के उस हिस्से को देखने के लिए उतावला हो रहा था. साथ ही मन दुखी भी हो गया.
कुछ देर में टीवी चैनल पर एक ऐसे खिलाड़ी को क्रिकेट को अलविदा कहते देख रहा था जिसने भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है.
तो आख़िरकार मीडिया के सूत्रों की वो बात सही निकली, जो कुछ दिनों से कही जा रही थी. यानी सौरभ गांगुली को टीम में इसलिए जगह मिली है ताकि वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह सकें.
यानी सम्मानपूर्ण विदाई का एक मौक़ा. तो क्या ये बात भी मान ली जाए कि जिन सूत्रों के हवाले से ये ख़बर आई थी, वही सूत्र अनिल कुंबले के बारे में भी यही कह थे और ये भी कह रहे थे कि बाक़ी सीनियर्स का भी दिसंबर तक यही हाल होना है.
पिछले कुछ दिनों से इन वरिष्ठ खिलाड़ियों की सम्मानपूर्ण विदाई की बात ख़ूब ज़ोर-शोर से उठाई जा रही थी. मीडिया इसे पीट रहा था तो ये खिलाड़ी इससे इनकार कर रहे थे.
ये बहस का विषय हो सकता है कि इन सीनियर खिलाड़ियों को कब संन्यास कहना है, लेकिन क्या इस पर बहस नहीं होनी चाहिए कि बोर्ड ने इन खिलाड़ियों के साथ कैसा व्यवहार किया है.
गांगुली की अगुआई में भारतीय टीम ने कई ट्राफियां जीती हैं
क्या इस पर ज़ोर-शोर से चर्चा नहीं होनी चाहिए कि इन खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट को क्या दिया है. लेकिन अफ़सोस की बात है कि अपने क्रिकेट करियर के आख़िरी दिनों में इन खिलाड़ियों को जिस दौर से गुज़रना पड़ रहा है, वैसी विदाई की तो उन्होंने कल्पना नहीं की होगी.
दो-ढ़ाई साल पहले गांगुली को बिना वजह टीम से बाहर किया गया था, पिछले साल विश्व कप के बाद सचिन जैसे खिलाड़ियों पर ख़ूब सवाल किए गए थे और पता नहीं क्या-क्या.
गांगुली ने पहले भी चुप रहकर अपनी वापसी के लिए यत्न किया. मीडिया में कुछ कह न पाने की बेबसी में उन्होंने कैसे ये क्षण जिए होंगे, मीडिया ने कभी ख़ुल कर उनका आकलन नहीं किया.
न ही कभी उनकी वापसी का जश्न ठीक से मना, जो मनना चाहिए था. बदले में ये हुआ कि श्रीलंका के ख़िलाफ़ एक सिरीज़ क्या ख़राब खेली, रिटायरमेंट का दबाव ऐसा बना. जिसमें गांगुली ने आख़िरकार हार मान ली.
ऐसा क्रिकेटर और कप्तान जिसने मैदान में कभी हार नहीं मानी. जिसने भारतीय टीम को पेशेवर माहौल में जीत का नया दर्शन सिखाया, जिसने भारत को सफलता की ऐसी बुनियाद दी जिस पर आज इमारत खड़ी की जा रही है.
वर्ष 2004 के चैम्पियंस ट्रॉफ़ी के दौरान मुझे पहली बार गांगुली से सवाल करने का मौक़ा मिला था. गांगुली के आत्मविश्वास ने मुझे सबसे ज़्यादा प्रभावित किया था.
फिर पिछले साल 2007 के विश्व कप के दौरान मैंने वेस्टइंडीज़ में एक दूसरे शख़्स को देखा. एक ऐसा शख़्स जो अंदर ही अंदर टूट रहा था. मैदान पर खेलते, होटल के गलियारों में घूमते या फिर नेट प्रैक्टिस करते वो शख़्स वो नहीं रहा था जो दो साल पहले थे.
खिलाड़ियों के बीच भी उसका ये रुख़ मुझे बहुत चिंतित करता था. मैंने अपने कई पत्रकार साथियों को उसी समय कहा था गांगुली के साथ अच्छा नहीं हो रहा.
भारतीय टीम जब सुपर-8 में भी नहीं पहुँच पाई और श्रीलंका के हाथों हारने के बाद बाहर हुई तो स्टेडियम में मौजूद कई दर्शकों ने एक सुर में मांगकी- गांगुली को कप्तानी दो, हमें गांगुली जैसा कप्तान चाहिए, संघर्ष करने वाला कप्तान.
लेकिन न ऐसा होना था और न ऐसा हुआ. द्रविड़ के कप्तानी छोड़ने के बाद भी जब ऐसा नहीं हुआ तो लगा गांगुली को सम्मानपूर्ण विदाई देना कोई नहीं चाहता.
गांगुली की ख़ामोशी बहुत कुछ कहती थी. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सिरीज़ में गांगुली बहुत अच्छा खेले. लेकिन वनडे से उन्हें बाहर कर दिया गया.
और अब वो दिन भी आया जब गांगुली ने अपना बल्ला टांगने की घोषणा कर दी.बात ये नहीं कि युवा पीढ़ी को टीम में मौक़ा नहीं मिलना चाहिए, बात ये भी नहीं कि लंबे समय तक ये खिलाड़ी अपने करियर को बेवजह ज़्यादा खींचे, बात सिर्फ़ इतनी है कि क्या वाकई गांगुली को सम्मानपूर्ण विदाई दी गई है.
पिछले तीन-चार सालों के दौरान गांगुली जैसे क्रिकेटर के साथ जो हुआ, उसने एक बेहतरीन खिलाड़ी और कामयाब कप्तान को तिल-तिल करके मारा है. संन्यास आज नहीं तो कल सबको लेना है. संन्यास शेन वॉर्न ने भी लिया, ग्लेन मैकग्रॉ ने भी और आने वाले समय में सचिन तेंदुलकर भी संन्यास ले लेंगे.
लेकिन संन्यास लेने के बाद गांगुली जैसे क्रिकेटरों को जिसका सबसे ज़्यादा अफ़सोस होगा, वो होगा, उनके चारों ओर बनाई गई उस परिधि के लिए, जिसके लिए वे कभी ज़िम्मेदार नहीं रहे.
चेहरे पर अजीब सी पीड़ा लिए जब गांगुली ने ये कहा- मैं इस सिरीज़ के बाद संन्यास ले लूँगा. आप सभी का धन्यवाद.., तो सच पूछिए एक सवाल मेरे मन में भी उठा- वो सम्मानपूर्वक जा रहे हैं या अपमान के साथ. फ़ैसला आप कीजिए.

गांगुली का रिकार्ड एक नज़र में...
ऑस्ट्रेलिया सीरिज़ से पहले तक.
टेस्ट मैच
109 टेस्ट.....180 पारियां......15 नाबाद.......6888 रन.....239 सर्वाधिक स्कोर...........41.74 औसत....51.36 स्ट्राइक रेट.....15 शतक...34 अर्धशतक......873 चौके.....55 छक्के..............71 कैच
एकदिवसीय मैच
311 वनडे....300 पारियां......23 नाबाद...11363 रन......183 सर्वाधिक......41.02औसत....73.70स्ट्राइक रेट......22 शतक...72 अर्धशतक....1122 चौके......190 छक्के..... 100 कैच.
गेंदबाज़ी
टेस्ट मैच
109 टेस्ट..... 99 पारी...3117 गेंदें....1681 रन.....32 विकेट....3/28सर्वश्रेष्ठ.....52.53 औसत...3.23 इकोनोमी रेट...
वनडे मैच
311 वनडे......171 पारी....4561गेंदें....100 विकेट....5/16सर्वश्रेष्ठ.....38.49 औसत....5.06 इकोनोमी रेट

मां के खुले नेत्र, काल रात्रि की हुई पूजा


मुजफ्फरपुर, : भगवती की सातवीं शक्तिकाल रात्रि की पूजा से ही नवरात्र पूजा की तीन दिवसीय महापूजा का शुभारंभ हो गया है। सोमवार को शहर की सभी दुर्गा पूजा समितियों में शास्त्रीय विधि विधान से अपराह्न दो बजे पूजा हुई। देवी मंदिरों में भी पानी बरसने के पूर्व तक सुबह तो लंबी कतार लगी थी लेकिन इन्द्र देव की बाधा के बाद भीड़ घरों में सिमट गयी। रविवार को बिल्वा आमंत्रण के बाद आज भगवती के स्वागत में फिर पूजा समितियों ने बेल वृक्ष पर जाकर भगवती के लिए ताजे बेलपत्र तोड़कर लाये। जूरन छपरा पूजा समिति में दो बजे पूरे विधि विधान से भगवती दुर्गा की पूजा हुई और प्रसाद वितरण हुआ। यही क्रम शहर के गोला स्थान दुर्गा पूजा समिति, सरैयागंज, पंकज मार्केट, बनारस बैंक चौक, रामदयालु नगर, अघोरिया बाजार, छाता चौक आदि में जारी रहा, जो शाम तक चलता रहा। गनीमत रही कि इन्द्र देव ने भगवती की पूजा के लिए वर्षा रोक दी। उधर, मंदिरों में भी सुबह वर्षा होने के पूर्व तक काफी भीड़ रही। देवी मंदिर में तो मंदिर द्वार से पानी टंकी चौक तक श्रद्धालुओं की भीड़ थी लेकिन वर्षा के बाद सन्नाटा छा गया। सुबह का दृश्य जरूर बड़ा ही भक्ति मय रहा। सप्तम काल रात्रि की पूजा आराधना में लंबी कतारों के दौरान हाथों में फूल व प्रसाद लिए लोग डटे रहे। रमना स्थित भगवती त्रिपुर सुंदरी गुलाबी परिधान में खूब फब रही थीं। श्रद्धालुओं की जुबान पर भगवती का गुणगान था। यही हाल बगलामुखी मंदिर, सिकंदरपुर स्थित काली मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, दुर्गा स्थान, जंगली माई स्थान, दुर्गा स्थान, महामाया स्थान, शाकम्भरी देवी समेत अन्य देवी मंदिरों का रहा।

वैशाली स्तूप की अनुकृति होगा मुजफ्फरपुर जंक्शन


मुजफ्फरपुर जंक्शन को वैशाली शांति स्तूप का स्वरूप दिया जायेगा। इसके लिए पूर्व मध्य रेलवे ने एक करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी है। सोनपुर रेल मंडल के अभियंता ने इसके लिए नक्शा भी तैयार कर लिया है। अब शीघ्र ही स्तूप की अनुकृति का निर्माण शुरू किया जायेगा। इसके साथ ही स्टेशन प्रांगण स्थित अशोक स्तम्भ वाली जगह का नवीकरण कर वहां झरनों से सुसज्जित रंग-बिरंगे फूलों का गार्डेन बनाया जायेगा। सोनपुर रेल मंडल के प्रबंधक प्रमोद कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार का प्रमुख स्टेशन है। इसको देखते हुए स्टेशन का विकास और इसे आकर्षक स्वरूप देने के लिए प्लेटफार्म से लेकर स्टेशन प्रांगण तक को सुसज्जित किया जा रहा है। सोनपुर रेल मंडल अभियंता-थ्री आरएन झा द्वारा यह कार्य किया जा रहा है। कुमार ने बताया कि स्टेशन प्रांगण में बने अशोक स्तम्भ वाली जगह पर अब वाहन का पड़ाव नहीं होगा। इसके लिए रेलवे सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। स्टेशन पर आनेवाले वाहन अब नये पार्किंग स्थल पर ही लगाये जायेंगे। कोई भी वाहन अशोक स्तम्भ के आसपास खड़ा नहीं होगा। इसके लिए आरपीएफ को सख्त हिदायत दी गयी है।

शेयर बाज़ारों में संकट की स्थिति

जो वित्तीय संकट अमरीका से शुरु हुआ था उसका असर पूरी दुनिया पर दिखाई दे रहा है. इसके चलते शेयर बाज़ारों में संकट की स्थिति दिख रही है.
वॉल स्ट्रीट में डाउ जोन्स 370 अंक गिरकर 2004 के बाद पहली बार 10 हज़ार से नीचे चला गया.
ब्रिटेन और सभी बड़े यूरोपीय शेयर बाज़ारों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है.
उधर एशियाई शेयर बाज़ार में भी गिरावट का दौर जारी है और टोक्यो शेयर बाज़ार में लगातार दूसरे दिन कारोबार भारी गिरावट के साथ शुरु हुआ है.
भारत में भी शेयर बाज़ार में सोमवार को भारी गिरावट दर्ज़ हुई. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक 724 अंकों की गिरावट के साथ 11801 के स्तर पर बंद हुआ. बाज़ार दो साल के अपने न्यूनतम स्तर पर था.
निवेशकों को डर है कि सरकारें जो निर्णय ले रही हैं वे संकट से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.
अरबों डॉलर डूबे
सोमवार को दुनिया के शेयर बाज़ारों से, अरबों डॉलर का सफ़ाया हो गया.
सबसे पहले एशियाई बाज़ार खुले और खुलते ही गिरे. जब यूरोपीय बज़ारों का समय आया तो उनकी शुरुआत भी बिकवाली से हुई.
पेरिस के सीएसी फ़ौर्टी ने अब तक की सबसे भारी गिरावट देखी. वह नौ प्रतिशत से भी अधिक नीचे गिरा. फ़्रैंकफ़र्ट के डीएऐक्स सूचकांक में सात प्रतिशत की गिरावट आई. लंदन में भी सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई जो पिछले 20 सालों में सबसे अधिक बताई जा रही है.
मैड्रिड, ब्रसल्स और मॉस्को तक के शेयर बाज़ारों में बिकवाली का दौर जारी रहा.
डाउ जोन्स 2004 के बाद न्यूनतम स्तर तक जा पहुँचा है
फिर न्यूयॉर्क के शेयर बाज़ार के खुलने की घंटी बजी, तो वहाँ भी घबराहट का माहौल था. व्यापारियों ने अटलांटिक महासागर पार के यूरोपीय बाज़ारों से संकेत लिया और एक समय ऐसा आया कि डाओ जोन्स 800 अंक गिर गया लेकिन कारोबार बंद होने के पहले बाज़ार कुछ संभला और कुल गिरावट 370 अंक की दर्ज की गई.
इसी तरह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक 724 अंकों की गिरावट के साथ 11801 के स्तर पर बंद हुआ. बाज़ार दो साल के अपने न्यूनतम स्तर पर था.
सभी शेयर बाज़ारों में सबसे ज़्यादा धक्का खाया बैंकों के शेयरों ने. लेकिन तेल के शेयर और उपभोग की वस्तुएँ बनाने वाली कम्पनियों के शेयर भी गिरे जो आम तौर पर अस्थिरता के माहौल में भी अपनी साख बनाए रखती हैं.
कहा जा रहा है कि दुनिया के शेयर बाज़ारों को उम्मीद थी कि केन्द्रीय बैंक, ब्याज़ दर में कटौती की घोषणा करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
उन्हे यह भी समझ में आ रहा है कि अमरीकी संसद के आर्थिक पैकेज को लागू करने में समय लगेगा. सरकार को बैंको के ख़राब ऋण ख़रीदने के लिए एक ढांचा तैयार करना पड़ेगा और तब तक ऋण बाज़ार में तंगी बनी रहेगी.
लंबा दौर
जब अमरीकी संसद ने 700 अरब डॉलर के बचाव पैकेज को स्वीकृति दी, तब भी आर्थिक विश्लेषक कह रहे थे कि इससे बाज़ार शान्त नहीं होंगे और सोमवार को जिस तरह एशिया, यूरोप और अमरीका के शेयर बाज़ारों में धड़ाधड़ बिकवाली हुई उससे स्पष्ट हो गया कि आर्थिक अनिश्चितता का यह दौर लम्बा चलेगा.
" हमें इसमें जल्दबाज़ी नही करनी चाहिए. वित्तीय व्यवस्था में विश्वास बहाल करने में वक्त लगेगा "

जॉर्ज बुश
अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा कि इस आर्थिक पैकेज को प्रभावी होने में समय लगेगा.
उन्होंने कहा, "इस पैकेज का सबसे बुनियादी लक्ष्य ये है कि ऋण ख़त्म किया जाए जिससे एक बार फिर पैसे का लेन-देन शुरु हो सके. इसमें समय लगेगा. मैंने पिछले सप्ताह ही इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं लेकिन ऐसी योजना को लागू करने में समय लगेगा जो प्रभावी हो और करदाताओं का पैसा बरबाद न करे."
राष्ट्रपति बुश का कहना था, "हमें इसमें जल्दबाज़ी नही करनी चाहिए. वित्तीय व्यवस्था में विश्वास बहाल करने में वक्त लगेगा."
यूरोपीय देशों की सरकारों ने भी निवेशकों को आश्वस्त करने की कोशिश की है कि उनकी वित्तीय व्यवस्था में स्थिरता है.
यूरोपीय संघ के अध्यक्ष और फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने एक वक्तव्य पढ़कर सुनाया.
उन्होंने कहा, "हम सभी यूरोपीय देशों के प्रमुख यह कहते हैं कि हम वित्तीय व्यवस्था की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करेंगे, चाहे इसके लिए केन्द्रीय बैंकों से पैसा उपलब्ध कराना हो या फिर जमा राशि का संरक्षण करना हो."
अपने बयान में उन्होंने कहा, "एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसका पैसा यूरोपीय संघ के देशों के बैंको में जमा हो और उसने कोई नुकसान उठाया हो. और हम आर्थिक व्यवस्था और खातेदारों की रक्षा के लिए सभी उपाय करते रहेंगे."

ANJALI JHA (NEWS DESK)

Monday, October 6, 2008

जब मिले दो दिग्गज :बंध गई समा

ये शाम ही कुछ हसीं थी . वैसे तो यह फिल्म द्रोना का परिमार था लेकिन यहाँ तो ...

जब मिले दो दिग्गज :बंध गई समा

ये शाम ही कुछ हसीं थी . वैसे तो यह फिल्म द्रोना का परिमार था लेकिन यहाँ तो .