देश की निर्वाचित संस्थाओं के निर्वाचक मंडल के ज़रिए हुए चुनाव में ज़रदारी ने भारी अंतर से जीत हासिल की.
इस चुनाव में चारों प्रांतों की एसेंबलियों, नेशनल एसेंबली और सीनेट के सदस्यों ने मतदान किया था.
परवेज़ मुशर्रफ़ के राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद ये चुनाव आयोजित कराए गए, इस चुनाव में तीन उम्मीदवार मैदान में थे.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) ने पूर्व न्यायाधीश सईदुज़माँ सिद्दीक़ी को और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) ने मुशाहिद हुसैन को अपना उम्मीदवार बनाया था.
सीनेट और नेशनल एसेंबली में कुल 426 सांसदों ने मतदान किया जिसमें से 281 वोट ज़रदारी को मिले जबकि सिद्दीक़ी को 111 वोट मिले, जबकि मुशाहिद हुसैन को 34.
आसिफ़ अली ज़रदारी के अपने प्रांत सिंध में प्रांतीय एसेंबली के सारे वोट झटक लिए, वहाँ कुल 162 वोट वैध पाए गए और वे सभी ज़रदारी के खाते में गए.
बलूचिस्तान में ज़रदारी को 59 और दोनों अन्य उम्मीदवारों को सिर्फ़ 2-2 वोट मिले.
पंजाब एकमात्र प्रांत है जहाँ ज़रदारी को जीत नहीं मिली, वहाँ ज़रदारी को सिर्फ़ 123 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी सईदुज़माँ सिद्दीक़ी को 201.
सूबा सरहद में भी ज़रदारी ने 107 वोट हासिल किए जबकि सिद्दीक़ी को सिर्फ़ दस वोट मिले.
आसिफ़ अली ज़रदारी पिछले वर्ष दिसंबर में पत्नी बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद राजनीति में आए.
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