Saturday, September 13, 2008

दिल्ली में पाँच धमाके, 18 की मौत


भारत की राजधानी दिल्ली में कम से कम पाँच धमाके हुए हैं. इन धमाकों में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई है और 90 से ज़्यादा घायल हुए हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश हाई एलर्ट पर हैं. महत्वपूर्ण है कि तीन जगहों - सेंट्रल पार्क, रीगल सिनेमा और इंडिया गेट पर बम निष्क्रिय किए गए हैं.
ग़फ़्फ़ार मार्केट ग्रेटर कैलाश-1, कनॉट प्लेस की बाराखंभा रोड और सेंट्रल पार्क इलाक़ों में धमाके हुए हैं. इनमें से दो जगह पर सीएनजी गैस सिलिंडर के धमाके हुए हैं. घायलों को राम मनोहर लोहिया और लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पतालों में ले जाया जा रहा है

दिल्ली पुलिस
दिल्ली में भारतीय समयानुसार लगभग साढ़े छह बजे सबसे पहले करोल बाग- ग़फ़्फ़ार मार्केट इलाक़े में धमाके की ख़बर आई. इसके बाद ग्रेटर कैलाश-1, कनॉट प्लेस की बाराखंभा रोड और सेंट्रल पार्क इलाक़ों में धमाके हुए. महत्वपूर्ण है कि इंडिया गेट के पास एक बम को पुलिस दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया है.
दिल्ली धमाकों की तस्वीरें
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बीबीसी को बताया, "ग़फ़्फ़ार मार्केट ग्रेटर कैलाश, कनॉट प्लेस की बाराखंभा रोड और सेंट्रल पार्क इलाक़ों में धमाके हुए हैं. इनमें से दो जगह पर सीएनजी गैस सिलिंडर के धमाके हुए हैं. घायलों को राम मनोहर लोहिया और लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पतालों में ले जाया जा रहा है."
दिल्ली राममनोहर लोहिया अस्पताल के आपात विभाग के प्रमुख डॉक्टर एसके शर्मा ने बीबीसी संवाददाता श्याम सुंदर को बताया, "अस्पताल में 85 घायल लोगों को लाया गया जिनमें से नौ की मौत हो गई. अब भी 35 लोगो गंभीर रूप से घायल हैं और पाँच का ऑपरेशन हो गया है. लेकिन घायल अब भी अस्पताल पहुँच रहे हैं."
अस्पताल में 85 घायल लोगों को लाया गया जिनमें से नौ की मौत हो गई. अब भी 35 लोगो गंभीर रूप से घायल हैं और पाँच का ऑपरेशन हो गया है. लेकिन घायल अब भी अस्पताल पहुँच रहे हैं

आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर
बीबीसी संवाददाता आलोक कुमार के अनुसार लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में आठ घायल लोगों को ले जाया गया जिनमें से से दो हालत गंभीर है.
इन धमाकों के ठीक पहले कुछ समाचार चैनलों को एक ईमेल मिला जिसमें इंडियन मुजाहिदीन नाम के एक संगठन ने इन हमलों की ज़िम्मेदार ली है. हालाँकि गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा कि इस समय किसी भी संगठन का नाम लेना बहुत मुश्किल है लेकिन हम इन कारनामों को अंजाम देने वाले लोगों को ख़ोज निकालेंगे.
अहमदाबाद धमाकों के ठीक पहले भी इसी तरह के ईमेल में इस संगठन ने धमाकों की ज़िम्मेदारी ली थी.
मैंने एक कूड़ेदान के पास से धुँआ उठता देखा और एक महिला को गिरते हुए भी देखा. एक ऑटो में कुछ घायलों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन देखते ही देखते ऑटो का फ़र्श ख़ून से भर गया.

कनॉट प्लेस में एक प्रत्यक्षदर्शी
अफ़रा-तफ़री का माहौल
करोल बाग- ग़फ़्फ़ार मार्केट के भीड़-भाड़ वाले इलाक़े में जब विस्फोट हुआ तो वहाँ अफ़रा-तफ़री फैल गई. कई दमकल वाहन उस इलाक़े में पहुँचे लेकिन संकरी गलियों से इन वाहनों और एंबुलेंस का उस क्षेत्र में दाख़िल होने में काफ़ी दिक्कत पेश आई.
उस धमाके में कई लोग हताहत हुए क्योंकि शनिवार की शाम वहाँ काफ़ी गहमागहमी थी. इसके बाद ग्रेटर कैलाश के पॉश इलाक़े की एम-ब्लाक मार्किट और कनॉट प्लेस की बाराखंभा रोड पर धमाकों की ख़बर आई.
हमें लगा कि किसी गाड़ी में या सिलेंडर में धमाका हुआ है. इसके बाद कुछ अफ़रा-तफ़री सी मच गई. कुछ लोग यह देखने के लिए लपके कि किस वजह से धमाका हुआ है. धमाका होने के कुछ ही देर बल्कि 10-15 मिनट के अंतराल पर ही एक और धमाका हुआ.

जय कुमार, प्रत्यक्षदर्शी
बीबीसी संवाददाता पाणिनी आनंद के अनुसार ग्रेटर कैलाश-1 में प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्हें दो धमाके सुने. पहले धमाके के बाद ही लोगों में अफ़रा-तफ़री फैल गई और मार्किट में भगदड़ मच गई. कई लोगों के शरीर में वाहनों और दुकानों के टूटे हुए शीशे लगे लेकिन किसी को गंभीर चोट नहीं आई.
कनॉट प्लेस में एक प्रत्यक्षदर्शी ने बीबीसी संवाददाता नादिया परवेज़ को बताया, "बाराखंभा रोड पर गोपालदास इमारत के पास धमाके की आवाज़ सुनाई दी और फिर मैने एक कूड़ेदान के पास से धुँआ उठता देखा. मैंने एक महिला को गिरते हुए भी देखा. एक ऑटो में कुछ घायलों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन देखते ही देखते ऑटो का फ़र्श ख़ून से भर गया. कई लोगों को पुलिस वाहनों ने अस्पताल पहुँचाया."
लेकिन दूसरी ओर लोगों में तनाव इतना बढ़ गया कि इन इलाक़ों के आसपास की सड़कें जाम हो गईं और सभी लोग घटनास्थल से दूर भागने लगे. शहर में तनाव व्याप्त है और अनेक बाज़ार खाली हो गए हैं.
हाल में हुए प्रमुख चरमपंथी हमले इस प्रकार हैं:
29 अक्तूबर 2005 - दिल्ली में तीन जग़हों पर हुए बम धमाकों में 62 लोग मारे गए और अनेक लोग घायल हुए.
7 मार्च 2006 - उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रेलवे स्टेशन और संकटमोचन मंदिर में हुए बम धमाकों में 20 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.
11 जुलाई 2006 - मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए बम धमाकों में 170 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हुए.
8 सितंबर 2006 - महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के मालेगाँव शहर में एक मस्जिद के पास हुए तीन बम धमाकों में 37 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हुए.
18 फ़रवरी 2007 - दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस में हुए दो धमाकों में 66 लोग जलकर मारे गए जिसमें से अधिकतर पाकिस्तानी थे.
18 मई 2007 - हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज़ के दौरान हुए धमाके में 11 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हुए.
25 अगस्त 2007 - हैदराबाद में हुए बम विस्फोट में 42 लोग मारे गए और लगभग सौ लोग घायल हुए.
11 अक्तूबर 2007 - राजस्थान में अजमेर स्थित ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हुए धमाके में दो लोग मारे गए

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