Tuesday, September 30, 2008

शाहरुख़ की युवा पीढ़ी से अपील

शाहरुख़ रविवार को दावत-ए-सहरी में शामिल हुए
हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के किंग कहे जाने वाले शाहरुख़ ख़ान ने युवा पीढ़ी से अपील की है कि वे आतंकवाद और हिंसा का रास्ता छोड़ दें.
देश के कई हिस्सों में हाल के बम धमाकों का ज़िक्र करते हुए शाहरुख़ ख़ान ने देश में सांप्रदायिक सदभाव बनाए रखने की अपील की है.
मुंबई में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने दावत-ए-सहरी का आयोजन किया था. इस आयोजन के मौक़े पर पत्रकारों से बातचीत में शाहरुख़ ख़ान ने ये बातें कहीं.
शाहरुख़ ने कहा, "कृपाशंकर सिंह का दावत-ए-सहरी का आयोजन करना ही ये साबित करता है कि इस्लाम और हिंदू धर्म भाईचारा और शांति को बढ़ावा देते हैं."
अपील
हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार ने युवा पीढ़ी से आतंक का रास्ता छोड़ने की अपील की और कहा,

"हाल की घटनाओं से न सिर्फ़ मुझे सदमा लगा है बल्कि शर्म भी आई है. ये सब अब रुकना चाहिए."
एक मुसलमान होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं शांति का संदेश दूँ क्योंकि इस्लाम भी यही संदेश देता है, इस्लाम हिंसा की शिक्षा नहीं देता
शाहरुख़ ख़ान
उन्होंने कहा कि एक मुसलमान होने के नाते उनका कर्तव्य है कि वे शांति का संदेश फैलाएँ क्योंकि इस्लाम भी यही संदेश देता है, इस्लाम हिंसा की शिक्षा नहीं देता.
उन्होंने कहा कि रमज़ान का महीना पवित्र महीना होता है और इस महीने के दौरान ख़ुदा सबकी प्रार्थना का जवाब देते हैं. शाहरुख़ ने स्वीकार किया कि रमज़ान के दौरान वे नियमित रूप से रोज़ा नहीं रख पाए.
उन्होंने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के चलते उन्होंने सिर्फ़ सात दिन ही रोज़ा रखा था. इस समय रमज़ान का पवित्र महीना चल रहा है और माना जा रहा है कि एक अक्तूबर को ईद मनाई जाएगी
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5 comments:

बवाल said...

बहुत बेहतर ! बहुत अच्छी पोस्ट ! बधाई ! जारी रखिये !

अभिषेक मिश्र said...

Badhi blog hai Swagat. Please remove word verification.

शोभा said...

बहुत सुंदर लिखा है. बधाई स्वीकार करें.

संगीता पुरी said...

बहुत अच्छा..... बहुत बहुत बधाई।

प्रदीप मानोरिया said...

आपका चिठ्ठा जगत में स्वागत है निरंतरता की चाहत है ... मेरा आमंत्रण स्वीकारें मेरे चिठ्ठे पर भी पधारें